जन्म पत्रिका में योगो का अध्ययन करने के लिये निम्न बातों क विशेष ध्यान रखना चाहिए-
१.लग्नेश कौन ग्रह है और कहां बैठा है? २.कौन ग्रह कहां बैठा है? ३.पूरी कुन्डली में कितने ग्रह् स्वक्षेत्री,मित्रक्षेत्री और शत्रुक्षेत्री हैं? ४. उच्च ग्रह कितने और नीच ग्रह कितने हैं? ५. किस ग्रह की दृष्टि कहां कहां हैं ? ६. क्या ग्रह उच्च्बली,नीचबली और हीनबली हैं? ०७. पुरी कुन्डली का प्रभाव कैसा हैं? सावधानीपुर्वक उपरोक्त बातों पर विचार करने के बाद ही फलादेश करना चाहिए !आगे कुछ प्रसिध्द योग दिये जा रहें हैं जिनका अध्ययन सावधानीपुर्वक करना अत्यन्तावश्यक है ! राज योग -. -जिस जातक की कुन्डली में चार ग्रह उच्च के हों या मूल त्रिकोण में हों वह अवश्य मन्त्री या राज्यपाल बनता है. -.शुक्र बुध और बृहस्पति केन्द्र में हों तथामंग ल लग्न से दसवे में हो, तो जातक उच्च पद प्राप्त करता है. -जिस जातक के मेष लग्न में चन्द्रमा और मंगल हो,तो वह जनमत प्राप्त करता हुआ संसद में बैठता हैं. -.मेष लग्न में उच्च का सुर्य हो नवम में बृहस्पति तथा दशम में मंगल हो ,तो वह जातक राज्यपाल बनता है! --यदि मेष लग्न में भौम और गुरु दोनों साथ-साथ बैठै हो,तो वयक्ति केन्द्र में मन्त्री बनता हैं और विदेशों का भ्रमण करता हैं ! -- यदि जातक का जन्म मेष लग्न में हुआ हो तो और उसे कोई पाप ग्रह देख रहा हो तो ,येसा वयक्ति शासनाधिकारी होता है! --यदि मेष लग्न में पाप ग्रह हो और बृहस्पति नवम भाव मे हो तो जातक केन्द्रीय मन्त्री का पद ग्रहण करता हैं ! -- मेष लग्न कि कुन्डली में एकादश भाव में चन्द्रमा तथा बृहस्पति हो एवं उन पर शुभ ग्रहो की दृष्टि हो तो वह राज्य में उच्च सम्मान प्राप्त करता हैं ! -- जातक की कुन्डली में मेष लग्न हो और उसमें चन्द्र स्थित हो तथा कुम्भ में शनि ,सिंह में सुर्य एवं वृश्चिक में बृहस्पति हों तो जातक उच्च पदासीन होता हैं ! -- कर्क लग्न हो छठे में सुर्य,चौथें में शुक्र,दशम में गुरु एवं सप्तम पर बुध स्थित हो तो जातक उच्च पदासीन होता हैं ! --कर्क लग्न में चन्द्र्मा हो और दशम भाव में बृहस्पति एवं भौम हो,तो जातक नेता बनता हैं ! --मकर लग्न कि कुन्डली में लग्नस्थ शनि हो तथा मिथुन में भौम,कन्या में बुध, तथा धनु में गुरु हों,तो जातक नेतृत्व देने में पूर्णतः सफल होता हैं ! -- मीन लग्न हो लग्नस्थ चन्द्रमा हो,कर्मस्थ शनि हो,सुखस्थ बुध हो,तो जातक सांसद या नेता बनता है ! -- यदि लग्न में सुर्य एवं उच्च का चन्द्रमा हो तो जातक विदेश विभाग में सचिव होता हैं ! -- मूल त्रिकोण में उच्च का मंगल तथा शुक्र हो,तो जातक खाद्य मन्त्री का पद ग्रहण करता हैं ! --तुला में शुक्र मेष में भौम तथा कर्क में ब्रहस्पति हो,तो जातक शासकीय कार्यो में उच्च पद ग्रहण करता हैं ! -- धनु में सुर्य तथा लग्न में उच्च का शनि हो,तो जातक राज्य की गुप्त मन्त्रणा में भाग लेता हैं ! -- जातक की कुन्ड्ली में सभी ग्रह उच्च के हो तथा मित्र ग्रहों द्वारा देखें जाते हों ,तो व्यक्ति शासन में विशिष्ठ पदो पर आसीन होते हैं ! -- लग्नेश तथा राशीश लग्न में हो तथा नवम भाव मेम चन्द्रमा हों,तो व्यक्ति शासन में विपक्ष का अध्य्क्ष होता हैं! --केन्द्र स्थान में पाप ग्रह न हों तथा शुभ ग्रह अपनी राशियों में हों,तो व्यक्ति राजदुत के पद पर प्रतिष्ठत होता हैं ! -- लग्न में ग्रह उच्च हों तथा वह शुभ ग्रह से दृष्ट हों या लग्नेश केन्द्र में मित्र ग्रहो से दृष्ट हों,तो विशिष्ठ राजयोग होता हैं ! -- जन्मकुन्डली में समस्त ग्रह अपनें परमोच्च में हों तथा बुध अपनें उच्च के नवांश में हो,तो जातक देश के सर्वश्रेष्ट पद पर आसीन होता हैं ! -- यदि कुन्डली में पूर्ण चन्द्रमा पर सब ग्रहो की दृष्टि हो,तो जातक उच्च राज्यधिकारी होता है ! क्रमशः
१.लग्नेश कौन ग्रह है और कहां बैठा है? २.कौन ग्रह कहां बैठा है? ३.पूरी कुन्डली में कितने ग्रह् स्वक्षेत्री,मित्रक्षेत्री और शत्रुक्षेत्री हैं? ४. उच्च ग्रह कितने और नीच ग्रह कितने हैं? ५. किस ग्रह की दृष्टि कहां कहां हैं ? ६. क्या ग्रह उच्च्बली,नीचबली और हीनबली हैं? ०७. पुरी कुन्डली का प्रभाव कैसा हैं? सावधानीपुर्वक उपरोक्त बातों पर विचार करने के बाद ही फलादेश करना चाहिए !आगे कुछ प्रसिध्द योग दिये जा रहें हैं जिनका अध्ययन सावधानीपुर्वक करना अत्यन्तावश्यक है ! राज योग -. -जिस जातक की कुन्डली में चार ग्रह उच्च के हों या मूल त्रिकोण में हों वह अवश्य मन्त्री या राज्यपाल बनता है. -.शुक्र बुध और बृहस्पति केन्द्र में हों तथामंग ल लग्न से दसवे में हो, तो जातक उच्च पद प्राप्त करता है. -जिस जातक के मेष लग्न में चन्द्रमा और मंगल हो,तो वह जनमत प्राप्त करता हुआ संसद में बैठता हैं. -.मेष लग्न में उच्च का सुर्य हो नवम में बृहस्पति तथा दशम में मंगल हो ,तो वह जातक राज्यपाल बनता है! --यदि मेष लग्न में भौम और गुरु दोनों साथ-साथ बैठै हो,तो वयक्ति केन्द्र में मन्त्री बनता हैं और विदेशों का भ्रमण करता हैं ! -- यदि जातक का जन्म मेष लग्न में हुआ हो तो और उसे कोई पाप ग्रह देख रहा हो तो ,येसा वयक्ति शासनाधिकारी होता है! --यदि मेष लग्न में पाप ग्रह हो और बृहस्पति नवम भाव मे हो तो जातक केन्द्रीय मन्त्री का पद ग्रहण करता हैं ! -- मेष लग्न कि कुन्डली में एकादश भाव में चन्द्रमा तथा बृहस्पति हो एवं उन पर शुभ ग्रहो की दृष्टि हो तो वह राज्य में उच्च सम्मान प्राप्त करता हैं ! -- जातक की कुन्डली में मेष लग्न हो और उसमें चन्द्र स्थित हो तथा कुम्भ में शनि ,सिंह में सुर्य एवं वृश्चिक में बृहस्पति हों तो जातक उच्च पदासीन होता हैं ! -- कर्क लग्न हो छठे में सुर्य,चौथें में शुक्र,दशम में गुरु एवं सप्तम पर बुध स्थित हो तो जातक उच्च पदासीन होता हैं ! --कर्क लग्न में चन्द्र्मा हो और दशम भाव में बृहस्पति एवं भौम हो,तो जातक नेता बनता हैं ! --मकर लग्न कि कुन्डली में लग्नस्थ शनि हो तथा मिथुन में भौम,कन्या में बुध, तथा धनु में गुरु हों,तो जातक नेतृत्व देने में पूर्णतः सफल होता हैं ! -- मीन लग्न हो लग्नस्थ चन्द्रमा हो,कर्मस्थ शनि हो,सुखस्थ बुध हो,तो जातक सांसद या नेता बनता है ! -- यदि लग्न में सुर्य एवं उच्च का चन्द्रमा हो तो जातक विदेश विभाग में सचिव होता हैं ! -- मूल त्रिकोण में उच्च का मंगल तथा शुक्र हो,तो जातक खाद्य मन्त्री का पद ग्रहण करता हैं ! --तुला में शुक्र मेष में भौम तथा कर्क में ब्रहस्पति हो,तो जातक शासकीय कार्यो में उच्च पद ग्रहण करता हैं ! -- धनु में सुर्य तथा लग्न में उच्च का शनि हो,तो जातक राज्य की गुप्त मन्त्रणा में भाग लेता हैं ! -- जातक की कुन्ड्ली में सभी ग्रह उच्च के हो तथा मित्र ग्रहों द्वारा देखें जाते हों ,तो व्यक्ति शासन में विशिष्ठ पदो पर आसीन होते हैं ! -- लग्नेश तथा राशीश लग्न में हो तथा नवम भाव मेम चन्द्रमा हों,तो व्यक्ति शासन में विपक्ष का अध्य्क्ष होता हैं! --केन्द्र स्थान में पाप ग्रह न हों तथा शुभ ग्रह अपनी राशियों में हों,तो व्यक्ति राजदुत के पद पर प्रतिष्ठत होता हैं ! -- लग्न में ग्रह उच्च हों तथा वह शुभ ग्रह से दृष्ट हों या लग्नेश केन्द्र में मित्र ग्रहो से दृष्ट हों,तो विशिष्ठ राजयोग होता हैं ! -- जन्मकुन्डली में समस्त ग्रह अपनें परमोच्च में हों तथा बुध अपनें उच्च के नवांश में हो,तो जातक देश के सर्वश्रेष्ट पद पर आसीन होता हैं ! -- यदि कुन्डली में पूर्ण चन्द्रमा पर सब ग्रहो की दृष्टि हो,तो जातक उच्च राज्यधिकारी होता है ! क्रमशः
Jankariparak post...Abhar
जवाब देंहटाएंnamaskar...mera nam MANISH hai...BIRTH DATE 25/12/1987, TIME 7:20 am, place kasia ( U.P.)....mujhe government job kab tak milegi?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं"जातक की कुन्ड्ली में सभी ग्रह उच्च के हो तथा मित्र ग्रहों द्वारा देखें जाते हों ,तो व्यक्ति शासन में विशिष्ठ पदो पर आसीन होते हैं"भास्कर जी यहाँ पर जरा संशोधन की आवश्यकता है.कुंडली में सभी ग्रह उच्च नहीं हो सकते.ऐसा तो स्वयम भगवान की कुंडली में भी नहीं हो सकता.किसी भी कुंडली में शुक्र वा बुध में से कोइ एक ही उच्च हो सकता है व .सूर्य वा बुध दोनो किसी कुंडली में एक साथ उच्च नहीं हो सकते.
हटाएंsir mera naam rahul hai meri date of birth 28-2-1993 hai
जवाब देंहटाएंmeri govtjob kab tak lagegi